भारत में निजी स्कूलों के विकास का सफर बड़ा दिलचस्प रहा है। 90 के दशक तक अधिकांश लोग सरकारी स्कूलों में पढ़ते थे। निजी स्कूलों की संख्या बहुत कम थी व लोग सरकारी स्कूलों पर आश्रित थे। 90 के दशक में तकनीकी क्रांति आयी तथा सरकारी स्कूल उन परिस्थितियों को अंगीकार नहीं कर पाये तथा निजी स्कूल धीरे-धीरे इन्हें त्मचसंबम करने लगे। 90 के दशक के नयी तकनीकों ने निजी स्कूलों को गाँव-गाँव में पहुँचा दिया।
इंटरनेट क्रांति ने भी स्कूली शिक्षा में व्यापक परिवर्तन लाया है। पहले तकनीकी को Luxury माना जाता था, किन्तु कोविड-19 ने इसे एक आवश्यकता बना दिया है। कोविड-19 ने ऑनलाईन शिक्षा को घर-घर पहुँचा दिया। जो लोग पहले इससे दूर भागते थे, वे लोग इसे अपनाने लगे।
ऑनलाईन शिक्षा ने विद्यार्थियों, अध्यापकों व पेरेन्ट्स के मन में काफी भ्रम पैदा किया है। सरकार की गाइडलाईन, महामारी की स्थिति आदि ने ऑनलाईन शिक्षा को एक सशक्त विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है। यह स्पष्ट है कि कोविड रहे या न रहे ऑनलाईन शिक्षा अपनाकर ही निजी स्कूल आगे बढ़ सकेंगे। ऑनलाईन शिक्षा कैसे कार्य करती है Bodhi AI ने इसे बहुत आसान व सुविधाजनक बनाया है।
कैसे Bodhi AI प्लेटफार्म स्कूलों को स्मार्ट बना रहा है।
शिक्षा चाहे ऑनलाईन हो या ऑफलाईन उसे अच्छा होना चाहिए। उसमें अच्छा होना चाहिए, आसान होना चाहिए। ठव्क्भ्प् ।प् प्रदान करता है:-
1 एडमिशन व अटेंडेन्स प्रबन्धन
2 लाईव क्लास
3 रिकॉर्डेड विडियो
4 टेस्ट पेपर
5 डाउट समाधान
6 फीस प्रबन्धन
7 ई-बुक्स
8 पाठ्य सामग्री
9 परिणाम व उसका विश्लेषण
उक्त सभी फीचर एक मिलकर पर उपलब्ध है। आधुनिक तकनीक अध्यापकों, स्कूल प्रबन्धन को एक अतिरिक्त ताकत देती है। एक सर्वे के मुताबिक निम्न स्कूलों ने ऑनलाईन मैनेजमेंट प्लेटफार्म अपनाया है वे अपने स्कूल का प्रबन्धन 50 प्रतिशत कम कर्मचारियों के माध्यम से ही सफलतापूर्वक कर रहे हैं। इसी प्रकार अध्यापकों 27 प्रतिशत समय अधिक पढ़ाने हेतु बच जाता है।
आपके स्कूल का भविष्य आप द्वारा अपनाए गये तकनीकी उपायो पर निर्भर करता है।